Tuesday 18 August 2015

…. लेकीन

जिना सिखा नही इन यादो के बिना …. लेकीन
बह जाती है वो यादे भी ., आंसूओ के सहारे

अधुरी रह जाती ही कश्ती जिंदगी कि …. लेकीन
ख्वाब बोये जाते है ., आंखो के सहारे

कहते ही लोग " अजमाये नसीब अपना - अपना "… लेकीन
हौसले बुलंद होते ही ., तकदीर के सहारे

करता नही रहम भी वो खुदा अपने बंदो पर…. लेकीन
करनी पडती है इबादत भी ., हातो के सहारे

कटती नही जिंदगी बैठकर मेह्खानो मे… लेकीन
काटणी पडती है रह भी ., पेऱो के सहारे

इतना आसान नाही मरणा इस जहान मे … लेकीन
जाणा पडता है शमशान भी ., कंधो के सहारे


अक्षय भळगट
१९.०८.२०१५