Saturday 11 October 2014

आपकी यादो में...

आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 

१. हँसा तो सब देते हे , वो लोग ……  
    आपकी आंखो से वो , गम के आंसू पिना अच्छा लगता है … 
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 

२. भुल जाते है " राही " , अपनी राह चलते चलते … 
    आपकी बातो मे , वो खुदको भुलाना … अच्छा लगता है …. 
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 

३. छूट जाते है , हाथ भी .. अपनो के , अपनो से …. 
    आपके इस दर्द में , हाथ थाम लेना अच्छा  लगता है …. 
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 

४. बहाणो - बिन-बहाणो से , खामोश रहना …। 
    आपकी हर बात को , खामोशी से दोहरना अच्छा लगता है …. 
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 

५. समझ - ना-समझ तो , अपनी नाराजगी कि बाते है … 
    उस बात मे भी …, आपको समझना अच्छा लगता है …. 
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 

६. मिल जाते ही हमदर्द भी ., इन मंदिर - मज्जिद्दो मे …,
    तुझमे मेरा खुदा , मेरा दीदार देखना … अच्छा लगता है … 
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 

    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।  


अक्षय भळगट 

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