आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
१. हँसा तो सब देते हे , वो लोग ……
आपकी आंखो से वो , गम के आंसू पिना अच्छा लगता है …
आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
२. भुल जाते है " राही " , अपनी राह चलते चलते …
आपकी बातो मे , वो खुदको भुलाना … अच्छा लगता है ….
आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
३. छूट जाते है , हाथ भी .. अपनो के , अपनो से ….
आपके इस दर्द में , हाथ थाम लेना अच्छा लगता है ….
आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
४. बहाणो - बिन-बहाणो से , खामोश रहना …।
आपकी हर बात को , खामोशी से दोहरना अच्छा लगता है ….
आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
५. समझ - ना-समझ तो , अपनी नाराजगी कि बाते है …
उस बात मे भी …, आपको समझना अच्छा लगता है ….
आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
६. मिल जाते ही हमदर्द भी ., इन मंदिर - मज्जिद्दो मे …,
तुझमे मेरा खुदा , मेरा दीदार देखना … अच्छा लगता है …
आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।
अक्षय भळगट
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